Monday, November 28, 2016

देवी देवता आने का सच

हमने बहुतों को देवी देवता आते देखा सुना है जिसके आगे भयभीत हो हम सर झुक देते हैं और बात मानने लगते है ।अनाप शनाप पूजा पाठ करने लगते हैं ।वास्तव में 99 प्रतिशत मामलों में यह देवी देवता नही होते और 99 प्रतिशत मामलों में शिकार महिलाएं ही होती हैं।क्यों पुरुष को देवी देवता नही आते या कम आते हैं।कारण देवी देवता हों तब तो आएं ।यह छुद्र शक्तियां अथवा भूत प्रेत होते हैं जो महिलाओं को नियंत्रित कर खुद को देवी देवता के रूप में पेश कर पूजा लेकर अपनी शक्ति बढ़ाते हैं और अपनी इच्छा पूर्ण करते हैं।देवी देवता केवल गम्भीर आवेश देते हैं जिससे व्यक्ति चेतनाशून्य होता है बकवास नही करता या झूमता नही उस समय।खुद शरीर भारी और निष्क्रिय होने लगता है।ऐसा पुरुष महिला दोनों के साथ हो सकता है ।जो खुद को बार बार देवी देवता आने ।आशीर्वाद।प्रलाप।भविष्य भूत बताने की घटनाएं बताते हैं वह सभी आत्मिक शक्तियों के काम हैं अथवा छुद्र पैशाचिक शक्तियों के ।इन्हें देवी देवता कहना भी देवता का अपमान है।इनके अपने उद्देश्य और निहित स्वार्थ होते हैं।यह पूजा लेकर कुलदेवता की पूजा पहले रोकते हैं फिर ईष्ट तक आपकी पूजा नही पहुचने देते ।इन्हें किसी पीढ़ी में आगे पूजा न मिले तो पीढ़ी नष्ट होने लगती है ।इनमे योगिनी।डाकिनी।ब्रह्म।सती।प्रेत।पिशाच।स्थानिक भैरव जैसी शक्तियां हो सकती हैं।यह खुद को विभिन्न देवियों अथवा देवताओं के रूप में प्रदर्शित करते हैं ताकि लोग इन्हें पूजें और इन्हें बल मिले ।इनका आवेश मंदिरों आदि अथवा पूजा पाठ के स्थान पर अधिक आता है क्योंकि वहां इन्हें विचलन महसूस होता है और यह आवेश देकर खुद को देवी देवता साबित करने लगते हैं ।उच्च शक्ति पीठों में यह कम होता है जबकि सामान्य मंदिर ,भजन वाले स्थानों पर अधिक क्योकि उच्च शक्ति पीठों पर इनकी ऊर्जा दबने लगती है और सामान्य स्थानों या मंदिरों पर ऐसा नहीं होता ।यह अधिक से अधिक पूजा और मन की अतृप्त इच्छाओं की पूर्ति के लिए अधिक से अधिक लोगों के सामने खुद को देवी देवता साबित करते हैं ।आत्मिक शक्तियां होने से यह व्यक्ति के जीवन की घटनाएं भी बता देते हैं जिससे लोग प्रभावित हो जाते हैं पर इनकी पहुँच भविष्य तक नहीं होती इसलिए तुक्के मॉरते हैं ।जिन पर ऐसे देवी देवता आते हैं उनमे से  अधिकतर के अंत समय रोगों और कष्ट में गुजरते हैं ।जबकि वास्तविक देवी देवता की ऊर्जा वालों का अंत समय सुखद होता है ।इसलिए भ्रम से बचना बेहतर ।।।।।।हर हर महादेव ।।।।।।।

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