Wednesday, December 3, 2008

दोस्ती

दोस्ती नाम नहीं सिर्फ़ दोस्तों के साथ रेहने का बल्कि दोस्त ही जिन्दगी बन जाते हैं, दोस्ती में ..
जरुरत नहीं पडती, दोस्त की तस्वीर की देखो जो आईना तो दोस्त नज़र आते हैं, दोस्ती में..
यह तो बहाना है कि मिल नहीं पाये दोस्तों से आज दिल पे हाथ रखते ही एहसास उनके हो जाते हैं, दोस्ती में..
नाम की तो जरूरत हई नहीं पडती इस रिश्ते मे कभी॥पूछे नाम अपना ओर, दोस्तॊं का बताते हैं, दोस्ती में..
कौन कहता है कि दोस्त हो सकते हैं जुदा कभी॥दूर रेह्कर भी दोस्त, बिल्कुल करीब नज़र आते हैं, दोस्ती में..
सिर्फ़ भ्रम हे कि दोस्त होते ह अलग-अलग॥दर्द हो इनको ओर, आंसू उनके आते हैं , दोस्ती में..
माना इश्क है खुदा, प्यार करने वालों के लिये "अभी"पर हम तो अपना सिर झुकाते हैं, दोस्ती में..
ओर एक ही दवा है गम की दुनिया में क्युकि..भूल के सारे गम, दोस्तों के साथ मुस्कुराते हैं, दोस्ती में..